सोमवार, 31 अगस्त 2009

आज की आज़ादी ....

आज जब देश स्वाधीनता दिवस के रंग में सराबोर है तो अनायास ही मन में एक घुटन होती है की आज जिस पर्व को जीवंत करने कोशिश हम कर रहे है इस दिन को पर्व बनने में हमारे जिन धुरंधर देशभक्तों ने कुर्बानी दी आज देश की दशा देखकर कितना खुश होते होंगे ? इतिहास को हम ध्यान से देखे तो पता चलता है की गाँधी जी भगत सिंह और अनेको देश भक्तो ने कितना हसीं भारत का सपना देखा था। और केवल एक आशा पर हसते हसते कितने ही देशभक्त फांसी पर चढ़ गए की हम मर गए तो गम नही यारो देश तो जिन्दा रह जाएगा। आज वाही देश स्वार्थी नेताओ के चलते भारत और इंडिया रुपी दो भागो में बंट चुका है और तिल तिल करके मर रहा है।लोग कह रहे है की भारत युवाओं का देश है और इस समय चमक रहा है मै देख रहा हू तो मंजर कुछ और है और शायद सब इस मंजर को देख सकते है या देख रहे है पर सबकुछ देख कर भी चुप है यह देख कर आश्चर्य होता है और अगर अपने आप को ध्यानमग्न करता हू तो बहुत तेज शोर सुनाई देता है और लगता है सब ख़तम होने वाला है पर आँखे खुलती है तो सब शांत । रस्ते पर चलते चलते अनेको लोग मिल्जाते है जिनमे कोई कहता है भगत सिंह ने दिलाई आज़ादी कोई कहत है ये तो गाँधी बाबा की देन है . मै अनायाश ही poonch लेता हूँ की क्या आप आजाद है तो लोग कहते है जितना है उतना तो है तो फिर कहता हू गाँधी बाबा ने और भगत सिंह जी ने आधी अधूरी आज़ादी की बात नही की थी वो तो पूर्ण स्वाधीनता की बात कर रहे थे । फिर ये आज़ादी किसकी दी हुई है . तो उनका कहना होता है आप चाहते क्या है , मै कहता हू की मै भारत को आजाद कराना चाहता हू . वो कुछ देर चुप रहकर धीरे से बोलते है बेटा अभी तुम थोड़ा और बड़े हो जाओ सब समझ जाओगे इतना कहकर वो इस बात को यही ख़तम कर देते है मै चिल्लाता रहता हू आप तो बड़े है आप बताये मेरे साथ क्या होना वाला है। लेकिन अब समुन्दर शांत हो चुका । और मै अपने प्रश्नों के साथ फिर अकेला पड़ जाता हू .सब जानते है की क्या चल रहा है क्या होने वाला है पर बोलते नही है क्योकि परिवार है उनको देखे की देश की दशा इतना नही समझ पते है की जिस लाडले को इतने प्यार से पल रहे है कल उसका क्या होगा। मेरे समझ में ये नही आता है क्यो लोग सब कुछ भी जानकर अनजान बनते है ?और क्या होगा इस देश का ?आज के बच्चे स्कूल जाते है स्वाधीनता दिवस के दिन मैंने जानकारी ली बेटा आज स्कूल में क्या है तो जवाब आया की आज स्कूल में मिठाई बंटेगी और हम गाना गायेंगे .मैंने कहा क्यो तो बोले क्योंकि आज छुट्टी है। मतलब निकल आया आज के अध्यापक जो है वो तो है ही लेकिन आज के अभिभावक के पास इतना भी समय नही है या वो इतनी जरुरत नही समझते की अपने बेटी -बेटो को आज़ादी के मायने बता सके . या यही बता दे 15 अगस्त को मिठाई क्यों मिलती है । देश विकास कर रहा है गरीब गरीब होता जा रहा है और अमीर और होता जा रहा है लेकिन सब शांत है क्या यही है आज़ादी ?.........

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